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आखिर हमें ही क्यों चुनें

जी हां आप हमें इसलिए चुनें क्योंकि हम देते हैं आपको सही सटीक और किसी भी टापिक पर सप्रमाण सहित जानकारी और आपको तो पता ही होगा कि सिर्फ कुंडली को देखकर कुछ भी बता देने को कुंडली देखना नहीं कहते वरन् कुण्डली देखकर किया गया फलादेश वर्तमान में हो रही घटनाओं को भुतकाल में घटित कुछ प्रमुख घटनाओं के आधार पर प्रमाणित करते हुए जो फलादेश भविष्य के लिए किया जाता है यथार्थ में वही सत्य होता है इसलिए अगर आप हमसे अपने किसी समस्या पर समाधान पाने के लिए कुंडली या हस्तरेखा को दिखाते हैं तो आपको मिलेगा हमारे द्वारा विश्व स्तरीय स्तर पर एकदम सही सटीक और सप्रमाण सहित जानकारी और सिर्फ यही नहीं अगर हमारे द्वारा बताई गई बातें सही नहीं जाती है तो हमारे द्वारा आपके पूरे पैसे भी तुरंत वापस कर दिए जाते हैं इसलिए आप अपने पैसे के पूर्ण सुरक्षा और पैसे वापस पाने के लिए नो टर्म नो कंडीशन के लिए भी हमसे संपर्क कर सकते हैं

ग्रहो का नैसर्गिक स्वभाव

हर एक ग्रह का अपना स्वभाव और स्थिति होती है जिसे ग्रहो का स्वभाव या गुण-दोष कहते है।ज्योतिष में नैसर्गिक नाम का उपयोग किया जाता है कई जातक नैसर्गिक का मतलब नही जानते होंगे.

ग्रहों का बलाबल और उनकी अवस्थाएं

षडबल ज्योतिष का वह भाग है, जो किसी ग्रह की 6 प्रकार की शक्तियों को व्यक्त करता है। एक ग्रह अपनी स्थिति, दूसरे ग्रहों कि दृष्टि, दिशा, समय, गति आदि के द्वारा बल प्राप्त करता है। षडबल कि गणना में राहू- केतु के अतिरिक्त अन्य सात ग्रहों की शक्तियों का आकलन किया जाता है

ग्रहो की दृष्टियां

वग्रहों में सभी ग्रहो की अपनी दृष्टियां होती है।ग्रह अपनी दृष्टि कुंडली के जिस भाव, जिस ग्रह पर डालते है।उस भाव और उस ग्रह को ग्रहो की दृष्टियां प्रभावित करती है।

कुंडली के त्रिकोण भाव

लग्न के बाद कुंडली के त्रिकोण भावो का महत्व सबसे अधिक होता है।कुंडली का 5वां और 9वां भाव त्रिकोण भाव कहलाता है।लग्न भी त्रिकोण भावो में आता है इसके आलावा लग्न केंद्र भाव भी है।नीचे चित्र में दी गई कुंडली में जहाँ 1 नम्बर मेष राशि लिखी है वह लग्न है जो केंद्र भी है और त्रिकोण भी

उच्च, नीच तथा अस्त ग्रहों का ज्योतिष में महत्व

ग्रहों का उच्च होना अथवा नीच होना या फिर वक्री और अस्त होना किसी भी जातक की कुंडली का अध्ययन करते समय बहुत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इन्हीं के आधार पर ग्रहों की अवस्था तथा ग्रहों का बल ज्ञात किया जाता है।

मार्केश ग्रह के लक्षण व समाधान

मारकेश की दशा/अंतर्दशा या प्रत्यंतर दशा में मानसिक व शारीरिक कष्ट, चोट लगना, दुर्घटना होना, कोई लंबी बीमारी, मानसिक तनाव, अपयश, कार्यों में बाधाएं और अड़चने, वैवाहिक जीवन में क्लेश, बिना वजह क्लेश, डर व घबराहट, आत्म विश्वास की कमी आदि परेशानियां हो सकती है

Love Marriage

Astrology is a great tool for couples experiencing problems before, during, or after their love marriage since it provides a safe solution for these kinds of intercaste marriage problems.

Get Ex Love Back

In order to win your sweetie back and strengthen your relationship, now settle all of the previous arguments that have caused the pair to become estranged and to feel separated.

Husband Wife Dispute

Husband-wife problems are a common occurrence for married couples. However, with the right astrological remedy, these problems can now be resolved, potentially improving the couple’s relationship significantly.

My Latest Work

हमारे यानी कि शास्त्री अश्वनी शुक्ला के द्वारा अब तक के अत्याधुनिक ज्योतिष फलादेश ज्ञान के द्वारा व्यक्तिगत स्तर पर कुंडली और हस्तरेखा के द्वारा ज्योतिषीय भविष्यवाणी करने का सबसे कम उम्र में 99.99 पर्सेंट तक का सबसे ज्यादा और सबसे सटीक फलादेश करने का अद्वितीय अनुभव प्राप्त है, और अब अगला नंबर इस अनुभव को करने के लिए आपका है।